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यों नज़र से नज़र नहीं मिलती / गुलाब खंडेलवाल

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यों नज़र से नज़र नहीं मिलती
दिल की धड़कन अगर नहीं मिलती

सारी दुनिया की है खबर हमको
एक अपनी खबर नहीं मिलती

उनके आँचल की मिल रही है हवा
बेसुधी बेअसर नहीं मिलती

हमने माना कि पास हो हरदम
क्यों झलक उम्र भर नहीं मिलती!

बाग़ से आये तो निकल के गुलाब
राह आगे की पर नहीं मिलती