Last modified on 5 जुलाई 2011, at 22:41

बाढ़-4 / अच्युतानंद मिश्र

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:41, 5 जुलाई 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अच्युतानंद मिश्र |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}} <poem> एक डूबते ह…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

एक डूबते हुए आदमी को
एक आदमी देख रहा है

एक आदमी यह दृश्य देख कर
रो पड़ता है

एक आदमी
आँखें फेर लेता है

एक आदमी हड़बड़ी में देखना
भूल जाता है

याद रखो
वे तुम्हें भूलना सिखाते हैं ...