तारां री मेखां ठोक्योड़ा
तम-गढ प्रोळ किंवाड़
डरै मारता हाथी भेटी
भींचै मावत जाड़,
पण दिवलै री लौ री मुट्ठी
तोड़ै बजर-कपाट,
किरणां री रेती सूरज री
बेड़ी देवै काट !
तारां री मेखां ठोक्योड़ा
तम-गढ प्रोळ किंवाड़
डरै मारता हाथी भेटी
भींचै मावत जाड़,
पण दिवलै री लौ री मुट्ठी
तोड़ै बजर-कपाट,
किरणां री रेती सूरज री
बेड़ी देवै काट !