घना के पाँखी
रचनाकार | विजेन्द्र |
---|---|
प्रकाशक | |
वर्ष | 2000 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | |
पृष्ठ | 144 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- घना के पाँखी (कविता) / विजेन्द्र
- राग / विजेन्द्र
- खार जम रही / विजेन्द्र
- धरती पर रहूँ / विजेन्द्र
- मुतियों की लड़ि / विजेन्द्र
- खिलने को बुई / विजेन्द्र
- साठा / विजेन्द्र
- कच्चा घर / विजेन्द्र
- धरती दिपती / विजेन्द्र
- ब्रज की राधा / विजेन्द्र
- लपट मारती दाझ / विजेन्द्र
- पनघट / विजेन्द्र
- मगर मैं देखूँ / विजेन्द्र
- मीना / विजेन्द्र
- / विजेन्द्र