कविता
लिखी जा रही थी
देह पर
मैं बुदबुदा सकी
सिर्फ तुम्हें
कितनी ही देर तक
सोचती रही
तुम्हारे नाम लिखी
कविता के शब्द
कविता
लिखी जा रही थी
देह पर
मैं बुदबुदा सकी
सिर्फ तुम्हें
कितनी ही देर तक
सोचती रही
तुम्हारे नाम लिखी
कविता के शब्द