Last modified on 22 जुलाई 2011, at 20:31

चेहरा / सुदर्शन प्रियदर्शिनी

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:31, 22 जुलाई 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुदर्शन प्रियदर्शिनी |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <Poem> इस धुन…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

इस धुन्धयाये
खण्डित
सहस्त्र दरारों वाले
दर्पण में
मुझे अपना चेहरा
साफ़ नहीं दिखता

जब कभी
अखण्डित कोने से
दीख जाता है
तो
कहीं अहम्
कहीं स्वार्थ की
बेतरतीब लकीरों से
कटा-पिटा होता है