वो दिन अब क्यों नहीं आते उन दिनों वो दोस्त मेरे साथ था मेरे हाथ मे उसका हाथ था
वो दिन अब क्यों नहीं आते वो मेरे मन के बहुत पास था उन दिनों मेरी जुबा पर उसका ही नाम था
वो दिन अब क्यों नहीं आते उन दिनों मुझे एक ही काम था उससे ही बात करने मे आराम था वो दिन अब क्यों नहीं आते