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लेखक / हरीश बी० शर्मा

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आथूण री भांत
बदळाव री आस में
म्हारै अठै रा लुगाई-पात्र
भासा रै साथै-साथै,
वैवार में बोल्ड हुवै है
सैक्स अर संभोग माथै
दड़ाछंट बोलै है
कहाणी रो भाग
कै छोरयां अर लुगायां
लेखक चावै ज्यूं कर लेवै हॅे
कहाणी पूरी हुय जावै जद
पाठक गळियां में
गैलो हुयोड़ो गोता खावै
अर कहाणी रा पात्र जोवै है।