एक सौ आठ मिणियां में
पिरोइज्योड़ी
धोळी-काळी
तुळछी-चन्दण, मोती का
काठ री माळा
जिकी मिळै
लख चोरासी में एक बार
घणखरा पार कर जावै
घणखरा फेर आवै है
भुगतण नैं
ओ संसार।
एक सौ आठ मिणियां में
पिरोइज्योड़ी
धोळी-काळी
तुळछी-चन्दण, मोती का
काठ री माळा
जिकी मिळै
लख चोरासी में एक बार
घणखरा पार कर जावै
घणखरा फेर आवै है
भुगतण नैं
ओ संसार।