आज बसंती चोला तेरा, मैं भी सज लूं, लाल बनूँ : तू भगिनी बन क्रांति कराली, मैं भाई विकराल बनूँ |
भाई एक लहर बन आया, बहन नदी की धारा है: संगम है, गंगा उमड़ी है, डूबा कुल किनारा है |