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हिलाओ पूँछ तो करता है प्यार अमरीका / बल्ली सिंह चीमा

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हिलाओ पूँछ तो करता है प्यार अमरीका ।
झुकाओ सिर को तो देगा उधार अमरीका ।
बड़ी हसी(न हो बाज़ारियत को अपनाओ,
तुम्हारे हुस्न को देगा निखार अमरीका ।

बराबरी की या रोटी की बात मत करना,
समाजवाद से खाता है ख़ार अमरीका ।
आतंकवाद बताता है जनसंघर्षों को,
मुशर्रफ़ों से तो करता है प्यार अमरीका ।

ये लोकतंत्र बहाली तो इक तमाशा है,
बना हुआ है हक़ीक़त में ज़ार अमरीका ।
विरोधियों को तो लेता है आड़े हाथों वह,
पर मिट्ठूओं पे करे जाँ निसार अमरीका ।

प्रचण्ड क्रान्ति का योद्धा या उग्रवादी है,
सच्चाई क्या है करेगा विचार अमरीका ।
तेरे वुजूद से दुनिया को बहुत ख़तरा है,
यह बात बोल के करता है वार अमरीका ।

स्वाभिमान गँवाकर उदार हाथों से,
जो एक माँगो तो देता है चार अमरीका ।
हरेक देश को निर्देश रोज़ देता है,
ख़ुदा कहो या कहो थानेदार अमरीका ।