मैं
हाथ तेरा हाथ में ले
पवन बांधू साथ
चलूँ सागर सात,
सातो भौम
अपनापा रचूँ।
मैं रचूँ एक-एक अणु में आस्था
भाव भर दूँ
सूत्र-से साकार दूँ।
कुछ पैहरन बेकार
वो उतार दूँ
हो वही मौलिक
कि जितना रच रहा
आवरण सारे वृथा उघाड़ दूँ।
मैं
हाथ तेरा हाथ में ले
पवन बांधू साथ
चलूँ सागर सात,
सातो भौम
अपनापा रचूँ।
मैं रचूँ एक-एक अणु में आस्था
भाव भर दूँ
सूत्र-से साकार दूँ।
कुछ पैहरन बेकार
वो उतार दूँ
हो वही मौलिक
कि जितना रच रहा
आवरण सारे वृथा उघाड़ दूँ।