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ताकि सनद रहे / श्रीरंग

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कल
तुम रहोगे हम नहीं ...

कल की तैयारी
तुम्हे करनी होगी
कल के लिए संसाधन
तुम्हें जुटाने होंगे
कल तुम्हारा होगा तुम्हारे लिए .....

तुम्हारे कल में
हम तो तुम्हारे
बीते हुए कल होगें
पीछे खत्म हो चुके वक्त .....

कल हम नहीं
हमारे शब्द होगें तुम्हारे साथ
कल कोसना मत
कल नसीहतें देने वाले नहीं
बस नसीहतें होगीं साथ ........
यह कविता
मैं आज लिख रहा हूँ
तुम्हारे कल के लिए
ताकि सनद रहे
और काम आवे
वक्त जरूरत पर .....।