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किससे नाता किससे यारी / रोशन लाल 'रौशन'

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किससे नाता किससे यारी
मतलब से जब रिश्तेदारी

पैसे से है प्यार मुहब्बत
पैसे की है मारा-मारी

जीवन को जीता है लेकिन
जीवन से करता गद्दारी

देश के शासक बन बैठे हैं
कैसे-कैसे अत्याचारी

मेहनत-बाजू-टाँगें गिरवी
ख़ून-पसीना मालगुज़ारी

मैं क्या कहता, मैं क्या करता
साँप मिला है इच्छाधारी

एक दफ़ा सच बोल गए हम
जीवन भर फिर भूल सुधारी

हमने फिर बाज़ार से आकर
अपने मन की धूल बुहारी

धीरे-धीरे बादल छाए
बारिश की देखो तैयारी

मानवता बरबाद हुई तो
शोर मचा है हाहाकारी

एक सभी की औषध 'रौशन'
एक सभी की है बीमारी