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साल पुराने / रमेश तैलंग

साल पुराने जा रे जा
कपडे़ नये पहनकर आ।

झगड़ा-कुट्टी, माथा फुट्टी,
नये साल में सबकी छुट्टी,
रोनी-धोनी दूर भगा।
हँसी-हँसी फि‍र वापस ला।

बैर की बातें, झूठ की बातें,
टूट की बातें, फूट की बातें,
अब न हमको याद दि‍ला।
हँसी-खुशी फि‍र मेल मि‍ला।

साल पुराने जा रे जा।
कपडे़ नये पहनकर आ।