तपती सहती रेत
तड़पती, जलती रहती है
कहती नहीं कुछ
रहती है मौन
होती है बारिश
टूटता है मौन
रेत हो जाती है मुखर
फैलने लगती है उमस
पसीना छूट जाता है
भले-भलों का।
तपती सहती रेत
तड़पती, जलती रहती है
कहती नहीं कुछ
रहती है मौन
होती है बारिश
टूटता है मौन
रेत हो जाती है मुखर
फैलने लगती है उमस
पसीना छूट जाता है
भले-भलों का।