स्फूर्ति / हरीश बी० शर्मा

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शोक संदेशों के चौखटे देखकर
स्फूर्ति जागती है
शक्तिहीन होते हुए भी
बहुत-कुछ जल्दी-जल्दी कर लेना चाहता हूं
लेनी पड़े चाहे कुछ कम सांसें
डरता हूं
तस्वरी बनने से
दुश्मन हैं-शोक समाचार छपवाने वाले
ले रहे हैं मजा मुझे डराकर
तस्वीरों में दिखने लगी है
चंद परछाइयां।

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