एक आग पेड़ में है
एक बर्फ में
आग में आग घुलती है
गलती है
जल हो जाती है
आग में आग रच-बस जाती है
फूटती है
खिल आती है।
हर फूल कोई दहक है जैसे
महकती, खिलखिलाती दहक !
(1980)
एक आग पेड़ में है
एक बर्फ में
आग में आग घुलती है
गलती है
जल हो जाती है
आग में आग रच-बस जाती है
फूटती है
खिल आती है।
हर फूल कोई दहक है जैसे
महकती, खिलखिलाती दहक !
(1980)