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सन्नाटा / नीलेश माथुर

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सिर्फ फुसफुसाहट है यहाँ
निशब्द घोर सन्नाटा
क्या मर चुके हैं शब्द
या जुबां कट चुकी है
क्यों है मौन पसरा हुआ
क्या मर चुका है विरोध
या संवेदनाओं ने
दम तोड़ दिया?