Last modified on 21 सितम्बर 2011, at 12:56

मिमजर / नंदकिशोर आचार्य

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:56, 21 सितम्बर 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नंदकिशोर आचार्य |संग्रह=बारिश में खंडहर / नंदकि…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


तुम्हारे आने की खबरें हैं
नीम पर मिमजर।

मिट्टी के भीगे कुल्हड़ में
फिर पिऊँगा शरबत
मीठा, सुवासित, ठण्डा
झीने अँधेरे में बैठ कर।
चुक जायेगा वह तो
आँखों पर रखे रहँूगा देर तक
रीता हुआ कुल्हड़
महसूस करते हुए
उस की निंदिदायी शीतलता
जाने के देर बाद तक
तुम्हारे साथ का एहसास !

(1987)