भैया ! दे दे एक पतंग ।
थोड़ी सद्दी, थोड़ा मंजा
मेरी चरख़ी में दे डलवा
पेंच लड़ाऊँ तेरे संग ।
भैया ! दे दे एक पतंग ।
कल वाली फट गई हवा से,
लाऊँ अब मैं नई कहाँ से ?
दे दे न बस वही पतंग,
जिसका पीला-पीला रंग ।
भैया ! दे दे एक पतंग ।
थोड़ी सद्दी, थोड़ा मंजा
मेरी चरख़ी में दे डलवा
पेंच लड़ाऊँ तेरे संग ।
भैया ! दे दे एक पतंग ।
कल वाली फट गई हवा से,
लाऊँ अब मैं नई कहाँ से ?
दे दे न बस वही पतंग,
जिसका पीला-पीला रंग ।