कविता में
लिखी हैं ये पंक्तियां
एक जना खोलता बोतल
टलमलाते हाथों से
ढाल रहा जाम
दूसरा
खींच रहा है आंखों से
मेरा पाठक बांच रहा है यह कविता
ढूंढते हुए कविता
कविता में
लिखी हैं ये पंक्तियां
एक जना खोलता बोतल
टलमलाते हाथों से
ढाल रहा जाम
दूसरा
खींच रहा है आंखों से
मेरा पाठक बांच रहा है यह कविता
ढूंढते हुए कविता