Last modified on 30 सितम्बर 2011, at 23:16

इन दिनों का / निशान्त

Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:16, 30 सितम्बर 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निशान्त |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}}<poem>अनेक लम्बे-तपते काम …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

अनेक
लम्बे-तपते
काम से बोझिल
दिनों को
पार करके
आए हैं हम
इन ठण्डे-मीठे
फुर्सत के दिनों तक
जमकर लुत्फ
उठाने दो हमें इनका