Last modified on 5 अक्टूबर 2011, at 03:21

चुप्पियां / राजेश चड्ढ़ा

Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:21, 5 अक्टूबर 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजेश चड्ढ़ा }} {{KKCatKavita‎}}<poem> तुम्हारी चुप्पियों को …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

तुम्हारी चुप्पियों को
जब-
एक-एक करके
खोलता हूं ,
मैं-
अपने आप से भी-
बस-
उसी वक़्त
बोलता हूं ।