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समय (4) / मधुप मोहता

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समय प्रकृति की प्रथम क्रीड़ा है,
समय विजय का गर्व है,
पराजय की पीड़ा है।

समय एक फिल्म है
समय प्रथम नायक है, प्रथम खलनायक भी।
समय ही सम्मान है।
समय शोक है, कुमार है
समय अशोक है।
समय ही मधुबाला है, मनीषा है।
समय ही मधु है, समय ऐश्वर्या है।
समय सौंदर्य है।
समय ही रूप की अस्मिता है
समय सुष्मिता है,
शर्मिला है, शबाना है, स्मिता है।

समय ही स्वर है, आशा है, समय किशोर है।
समय संगीत है, भावुक है, विभोर है।
समय ही छाया है, बिंब है,
समय ही सिनेमा है।
क्षितिज के सतरंगी परदे पर,
समय ही निर्देशक है।
समय गुरूदत्त है, गुलज़ार है।

समय का सिनेमाघर खचाखच भरा है,
और इकलौता बचा पास,
मेरे पास है।

मेरे साथ चलो,
समय का सिनेमा देखोगे ?