Last modified on 21 अक्टूबर 2011, at 04:40

बड़ों के बीच / निशान्त

Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 04:40, 21 अक्टूबर 2011 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निशान्त |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}}<poem>बड़ी-बड...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

बड़ी-बड़ी सड़कें
बड़ी-बड़ी कारें
बड़ी-बड़ी कम्पनियाँ
बड़े-बड़े पेट्रोल पम्प
बड़े-बड़े होटल
बड़े-बड़े शहर
बड़ी-बड़ी दुकानें
बड़े-बड़े संस्थान
बड़े-बड़े कॉम्पलेक्स
बड़े-बड़े राजनेता
बड़े-बड़े पण्डाल
बड़े-बड़े गुरुजी
हो रहा है बड़़ा गांव भी
छोटा रह गया बस
इन्सान।