Last modified on 28 अक्टूबर 2011, at 20:16

चमत्कार / नागार्जुन

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:16, 28 अक्टूबर 2011 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नागार्जुन |संग्रह=हज़ार-हज़ार बाह...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

पेट-पेट में आग लगी है, घर-घर में है फाका
यह भी भारी चमत्कार है, काँग्रेसी महिमा का

सूखी आँतों की ऐंठन का, हमने सुना धमाका
यह भी भारी चमत्कार है, काँग्रेसी महिमा का

महज विधानसभा तक सीमित है, जनतंत्री ख़ाका
यह भी भारी चमत्कार है, काँग्रेसी महिमा का

तीन रात में तेरह जगहों पर, पड़ता है डाका
यह भी भरी चमत्कार है, काँग्रेसी महिमा का