Last modified on 17 नवम्बर 2011, at 13:52

बाँसुरी देह / पद्मजा शर्मा

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:52, 17 नवम्बर 2011 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पद्मजा शर्मा |संग्रह=सदी के पार / पद...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


एक स्त्री आई जीवन में
थोड़ी-सी चाँद की शीतलता
ढेर-सी सूरज की गर्मी
कुछ-कुछ मिठास
मिश्री की डली-सी लिए
उसकी बाँसुरी देह में
बजने लगे राग अपने आप
उम्र के चालीसवें बरस में।