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भूमिका / जोड़ा ताल / कैलाश गौतम

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कैलाश गौतम की रचनाओं का रंग बिलकुल अनोखा है। अवध के गाँव -कस्बों का अल्हड़पन, बिलकुल जाने -पहचाने साधारण घास -पात, पोखर -पाखी, खेतों की मेड़ों पर खिले हुए फूल, नदी से नहाकर निकली गोरे बदन पर गीली साड़ी लपेटे सकुचाई -सी ग्राम वधू, चौपाल की साँझ, घर लौटती गायों का रम्भाना, इन सबका अनायास गीतों में जैसे अपने आप ढलते जाना कुछ अजीब ग्राम्य -टोना सा है।

 डॉ० धर्मवीर भारती [जोड़ा ताल की भूमिका से ]