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चुप्पी / विनोद पाराशर

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उन्हें-
कहने दीजिये
हमें
चुप्प रहने दीजिये.
उनका-
कुछ भी कहना-
व्यर्थ हॆ
जब तक आदमी
सतर्क हॆ.
हमारी चुप्पी का भी
एक विशेष अर्थ हॆ.