Last modified on 24 नवम्बर 2011, at 13:42

पैलौ फेरौ / अर्जुनदेव चारण

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:42, 24 नवम्बर 2011 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अर्जुनदेव चारण |संग्रह=घर तौ एक ना...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


आज सूं
म्हैं नीं सोचूंला
आपरै आपै
आज सूं
म्हैं नीं देखूंला
खुद री आंखियां
आज सूं
म्हैं नीं बोलूंला
खुद री बांणी
लौ म्हैं पैलौ फेरौ लेवूं