Last modified on 24 नवम्बर 2011, at 13:55

डेरा जूंण / अर्जुनदेव चारण

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:55, 24 नवम्बर 2011 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अर्जुनदेव चारण |संग्रह=घर तौ एक ना...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


डेरा निरखण रै मिस
काकी, भूवा, मासी अर सहेलियां रै झूलरै
म्हैं आई
पार कर आंगणौ

डेरां में
आंगणौ नीं होवै मां
नीं होवै अपणायत
वो तौ
हरबार
उठण सारूं ई लागै
पछै डेरां निरखण रै मिस
म्हनै क्यूं काढै
आपरै आंगणै सूं बारै

आ डेरा जूंण
म्हारै करमां
थूं क्यूं लिखै