Last modified on 24 नवम्बर 2011, at 14:08

कबन्ध / अर्जुनदेव चारण

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:08, 24 नवम्बर 2011 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अर्जुनदेव चारण |संग्रह=घर तौ एक ना...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


उणरै आंखिया होवै
हियै मांय
माथौ नीं होवै
बाढ देवां उणनै
हथळेवौ जोड़ती बेळा
वा लड़ती रैवै
आखी जूंण
एक जुध
पण उणनै
कोई
कबन्ध नीं कैवै