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गहरे तहखाने / अर्जुनदेव चारण

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कलेजा ठंडा करने को
तुम्हारा
बहाता है वह आसूं
लोग उसे पहचानते हैं
कहते हैं मेह
बाबुल इसी तरह
बरसाया करता है
अपना नेह।