हरेक आंख मे
एक घर होता है
जब-जब
अपनत्व
खटखटाता है दरवाजा
खुल जाती है
अर्गला।
हरेक आंख मे
एक घर होता है
जब-जब
अपनत्व
खटखटाता है दरवाजा
खुल जाती है
अर्गला।