Last modified on 1 दिसम्बर 2011, at 13:01

दु:ख / अर्जुनदेव चारण

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:01, 1 दिसम्बर 2011 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


अपने दुःख को
कोई याद नहीं रखता मां
वह भी नहीं
जो
रचता है तुम्हें।

अनुवाद :- कुन्दन माली