Last modified on 1 दिसम्बर 2011, at 13:12

ये पोथियां / अर्जुनदेव चारण

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:12, 1 दिसम्बर 2011 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


बेटा
ये पोथियां
छीन लेंगी
तुम्हारे सपने
इनके सांचे ढलने पर
तुम
बन जाओगे
मशीन

इनसे बचना
खुद को
रचना।

अनुवाद :- कुन्दन माली