Last modified on 6 दिसम्बर 2011, at 18:41

सदस्य:Manubhardwaj

Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:41, 6 दिसम्बर 2011 का अवतरण ('सन १९७५ के दिसंबर महीने की ३ तवारीख को भारत के उत्तर ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

सन १९७५ के दिसंबर महीने की ३ तवारीख को भारत के उत्तर प्रदेश के जिला गाज़ियाबाद में एक हिनू घराने में जन्मे आली जनाब श्री मनु भारद्वाज 'मनु' देश विदेश में एक मशहूर शायर कवि कहानीकार आलोचक और पत्रकार के रूप में मशहूर हैं. श्री मनु भारद्वाज 'मनु' उर्दू और हिंदी दोनों ही भाषा में सामान रूप से शायरी, कहानी, उपन्यास, व्यंग्य समेत उर्दू हिंदी की तमाम विधाओं में पारंगत हैं आपकी अपनी अब तक 25 से भी जियादा पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. पुस्तक प्रकाशन के शेत्र में भी आपने "मांडवी प्रकाशन' के नाम से साहित्य सेवा की एक लो उस वक़्त जलाई जब आपकी खुद की उम्र कम थी आज बचपन में लगाया वो पौधा खुद भी आपके साथ एक बड़ा पेड़ बन चुका है और "मांडवी प्रकाशन' के ज़रिए देश के ३०० से जियादा नए लेखकों की पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. यह श्री मनु भारद्वाज 'मनु' के कुशल संपादन का ही परिणाम है की "मांडवी प्रकाशन' को वर्ष २००८ में हुए भारत में हुए देश के हिंदी प्रकाशनों के एक सर्वेक्षण में द्वितीय स्थान मिला. मै अकेला ही चला था जानिबे मंजिल मगर / लोग साथ आते गए और काफिला बनता गया के सिद्दान्त पर चलते हुए श्री मनु भारद्वाज 'मनु' ने देश के बड़े जनपदों से ही नहीं बल्कि ग्रामीण अंचलों में छुपे गुमनाम और सिद्धस्त साहित्यकारों को एक जुट करके मांडवी प्रकाशन के माध्यम से अपनी योग्यता साहित्य समाज में साबित करने का एक सशक्त मंच दिया. फ़िल्मी दुनिया में भी श्री मनु भारद्वाज 'मनु' को एक श्रेष्ट संवाद लेखक कथाकार और निर्देशक का दर्जा प्राप्त है और आप अब तक कई फिल्मो की पटकथा लिखने के साथ साथ अदाकारी और निर्देशन भी कर चुके हैं. श्री मनु भारद्वाज 'मनु' पत्रकारिता में भी एक मजबूत स्तम्भ मने जाते हैं बहुत हिउकम समय में ख़बरों की दुनिया में उन्होंने सच ह का आइना दिखाके लोगो के दिल में जगह बने है और अपनी कमायु में मिले अथा पत्रकारिता के ज्ञान से कई मशुर पत्रकार पत्रकारिता जगत को दिए हैं. अब तक देश की विभिन्न संस्थाओं से श्री मनु भारद्वाज 'मनु' को ५० से भी जियादा पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हीओचुके हैं. आपकी शायरी में जहाँ एक और समाज के लिए गहन चिंतन है वही और समाज में व्यापत भर्ष्टाचार को भी आप अपनी शायरी के कैनवास पर उतारते हैं. श्री मनु भारद्वाज 'मनु' की शायरी में जहा आपको इश्को-हुस्न के किस्से मिलेंगे वहीँ समाज का दर्द भी आपको रुला देगा.