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हाइकु-2 / रमा द्विवेदी

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१-मंड़प बैठी,
सरसों गदराई
धरा सिमटी।

२-लिपटी कहीं,
महकी कहीं और,
रोया था पेड़ ।

३-झूठे वचन,
अर्चनाएं बेकार,
मन में यार।

४- नशा प्यार का,
ममत्व का हनन,
बच्चे अनाथ।

५-प्रेयसी हंसी,
गुलमोहर लाल,
पत्नी उदास ।

६-अकेलापन,
संवेदनाएं बर्फ,
तपस्या भंग |