फिर लम्बे लान में उतर आई
छोटे पाँवों वाली रात ।
जैसे-तैसे काटा दिन
अपने को तोड़-मोड़ कर
खिसक गईं सिरहाने से
यादें बीमार छोड़ कर
नीले वातास पर उभर आए
अनसुलझे कई सवालात ।
फिर लम्बे लान में उतर आई
छोटे पाँवों वाली रात ।
जैसे-तैसे काटा दिन
अपने को तोड़-मोड़ कर
खिसक गईं सिरहाने से
यादें बीमार छोड़ कर
नीले वातास पर उभर आए
अनसुलझे कई सवालात ।