परछाइयाँ
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रचनाकार | साहिर लुधियानवी |
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प्रकाशक | स्टार पब्लिकेशन्स, नई दिल्ली |
वर्ष | १९62 |
भाषा | उर्दू |
विषय | |
विधा | |
पृष्ठ | 150 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- परछाइयाँ (गजल) / साहिर लुधियानवी
- खून अपना हो या पराया हो / साहिर लुधियानवी
- मादाम / साहिर लुधियानवी
- हर चीज़ ज़माने की जहाँ पर थी / साहिर लुधियानवी
- सांझ की लाली सुलग-सुलग कर / साहिर लुधियानवी
- ज़िन्दगी से उन्स है / साहिर लुधियानवी
- सदियों से इन्सान यह सुनता आया है / साहिर लुधियानवी
- बुलावा / साहिर लुधियानवी
- फ़रार / साहिर लुधियानवी