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वसुन्धरा / सुधीर सक्सेना

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भागकर
कहाँ जाओगी ?

पाँवों में छाले पड़ जाएँगे
तुम्हारे वसुन्धरा !

पाँचों समुद्र
एक साथ उमड़ेंगे
तुम्हारे वक्ष में

हाँफ जाओगी
ज़्यादा दौड़ने से
वसुन्धरा

आओ !
समा जाने दो उन्हें
इन मेरी आतुर हथेलियों में
वसुन्धरा !