उन्होंने मेरे दिन सारे काले कर दिए
कुछ नाराज़गी से, कुछ गुस्से से भर दिए
कुछ ने किया मुझ से महाघातक प्रेम
और कुछ ने निभाया दुश्मनी का नेम
मेरे भोजन औ' शराब में डाला उन्होंने ज़हर
दिन-रात बरसाया मुझ पर अपना कहर
कुछ ने किया मुझ से महाघातक प्रेम
और कुछ ने निभाया दुश्मनी का नेम
लेकिन उस प्रिया ने, मुझे सबसे ज़्यादा तोड़ा
आख़िरी पलों तक मुझे रस्सी-सा मरोड़ा
दुश्मनी करती नहीं थी, पर मारती रही कोड़ा
प्रेम उसे था नहीं, फिर भी ख़ूब निचोड़ा
रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय