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लता (हाइकु) / भावना कुँअर

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(लता)
सकुचाई -सी
 लिपटती ही गई
 लता पेड़ से
 (याद)
यादों के मेले
हैं अब साथ तेरे
 नहीं अकेले


(मिलन )
महका गया
मेरा तन-मन ये
 तेरा मिलन

(स्नेह रंग)
स्नेह का रंग
बरसे कुछ ऐसे
 छूटे ना अंग

(विदा की घड़ी)
सुबक पड़ी
कैसी थी वो निष्ठुर
 विदा की घड़ी