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खोई हुई आत्माएं और बिखरी हुई रूहें
हाथ में लालटेन थाम
पीछा करती हैं बसंत का
घावों के निशान झिलमिलाते हैं, कटोरियां प्रदक्षिणा करती हैं
प्रकाश की उत्पत्ति हो रही है
उस जादुई क्षण को देखो
डाकख़ाने में सेंध लगाता है एक चोर
चिट्ठियां चीख़-पुकार मचाती हैं
नाख़ूनो ओ नाख़ूनो
गीत के बोल कभी बदलते नहीं
जलाऊ लकडिय़ां सिमटकर झुंड बना रहीं
श्रोताओं की तलाश में हैं जो उन्हें सुन सकें
जाड़ों के हृदय की तलाश करता
नदी का छोर
एक नाविक प्रतीक्षा करता है असीम गोधूलिवेला की
कोई न कोई तो होगा जो यक़ीनन प्रेम का पुनर्लेखन करेगा
अंग्रेजी भाषा से रूपांतरण : गीत चतुर्वेदी