Last modified on 30 मार्च 2012, at 20:30

हमउम्र / इमरोज़

Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:30, 30 मार्च 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=इमरोज़ |संग्रह= }} [[Category:पंजाबी भाष...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: इमरोज़  » हमउम्र

हमउम्र
ज़िंदगी खेलती है
पर हमउम्रों से...
कविता खेलती है
बराबर के शब्दों से, ख़यालों से
पर अर्थ खेल नहीं बनते
ज़िंदगी बन जाते हैं...
रात-दिन रिश्ते भी खेलते हैं
सिर्फ़ मनचाहों से
उम्रें कोई भी हों
ज़िंदगी में मनचाहे रिश्ते
अपने आप हमउम्र हो जाते हैं...