Last modified on 31 मार्च 2012, at 21:03

मौत की मुस्कराहट / हरकीरत हकीर

Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:03, 31 मार्च 2012 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

रात वह फिर आई ख़्वाब में
चुपके से रख गई
कुछ लफ़्ज़़ झोली में

मैंने देखा
मौत की मुस्कराहट
कितनी हसीं थी...!!