हरमन हेस (२ जुलाई, १८७७- ९ अगस्त, १९६२) उपन्यासकार, कहानीकार और कवि थे। उन्हें १९४६ में साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया। हेस के सृजन में जो अन्तर्बोध और पूर्वी रहस्यवाद की व्यापक धारा बहती है, उसने उन्हें अपनी मृत्यु के बाद योरप में युवा वर्ग के बीच अत्यंत लोकप्रिय बना दिया।[1]
संदर्भ1.↑ वागर्थ (पत्रिका). कोलकाता: भारतीय भाषा परिषद प्रकाशन. सितम्बर-अक्टूबर २०००. प॰ ८२.