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जवाब / नीलाभ

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दूर दूर दूर

खेतों में बहती है हवा

नदी की तरह

और जानती है

उसे किसी से कुछ नहीं लेना है

उसे सिर्फ़ देना है आपको

शहर द्वारा अपने प्रति किए गए

अपमान का जवाब


(रचनाकाल :1976)