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पंचतत्व / गीत चतुर्वेदी

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मेरी देह से मिट्टी निकाल लो और बंजरों में छिड़क दो
मेरी देह से जल निकाल लो और रेगिस्तान में नहरें बहाओ
मेरी देह से निकाल लो आसमान और बेघरों की छत बनाओ
मेरी देह से निकाल लो हवा और यहूदी कैम्पों की वायु शुद्धकराओ
मेरी देह से आग निकाल लो, तुम्हारा दिल बहुत ठंडा है